जयपुर। जिस प्रकार से पिछले कुछ दिनों में राजस्थान के विधानसभा में जो ड्रामा खेला जा रहा है गाली गलौज की एक नई राजनीति की शुरुआत की गई है वह बहुत दुख का विषय है । जहां एक तरफ नेताओं को आपस में गाली-गलौज करते देख रहे हैं लोग वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में बच्चों का लगातार बलात्कार हो रहा है जगह-जगह पर लूटपाट हो रही है लॉयन ऑर्डर कुछ बचा नहीं है और लोग परेशान हैं मूलभूत सुविधाओं के लिए शिक्षा स्वास्थ्य सड़क सफाई इन पर ध्यान न देकर आपसी वर्चस्व और एक दूसरे को नीचा दिखाने का यह खेल विधानसभा में खेला जा रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मिश्रा ने बताया कि विधानसभा में कांग्रेस बीजेपी की इस लड़ाई में अध्यक्ष की कुर्सी को अपमानित करना और अध्यक्ष द्वारा सदन में भाजपा के पक्ष में खड़े होना बहुत ही दुखद है जहां पर सदन चलाने के लिए अध्यक्ष पद की कुछ गरिमा होती है उस गरिमा को पीछे छोड़ अध्यक्ष एवं कांग्रेस के बीच में जो खेल खेला जा रहा है एक दूसरे को अपमानित करने का और राज्य के करोड़ जनता की खून पसीने की कमाई को विधानसभा सत्र में बर्बाद होते देखा जा रहा है यह बड़ा अशोभनीय है ।
प्रदेश संयुक्त सचिव तैयब खान ने बताया कि प्रदेश की जनता उम्मीद करती है सदन चलेगा तो राजस्थान के लिये कुछ अच्छा निकल कर आएगा युवा रोज़गार का इंतज़ार कर रहा है, किसान अपने हक़ अधिकार के लिए टकटकी लगाए बैठा देख रहा है, प्रदेश की बेटी सोच रही है उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कुछ करने का फ़ैसले लेगी तो मज़दूर बेचारा अपने लिए कुछ इंतज़ार कर रहा है। मगर बड़े शर्म की बात है जनता का पैसा इन नेताओं ने केवल नौटंकी में बर्बाद कर दिया।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक ऐसे नाटक की रचना कर के बैठ गये हैं जिसका जनता से दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं है। बस इनको अपनी नाकामी छुपाने का मौक़ा मिल गया है।
देश की पूर्व प्रधानमंत्री के लिये बीजेपी के मंत्री अविनाश गहलोत ने ग़लत शब्द बोले वह ग़लत है परंतु जिस प्रकार से कांग्रेस ने नौटंकी चालू करी है वह भी कोई प्रदेश के हित की बात नहीं है ऊपर से विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी को बचाने के लिए घड़ियाली आंसू दिखा कर पूरे मामले को अपने पक्ष में खींच कर ले जाने की नाकाम कोशिश कर रहे थे ।
प्रदेश के इन नेताओं की नौटंकी में प्रदेश की जनता पीस रही है एक भारी बजट इन नाकाम लोगों के ऊपर बर्बाद किया जा रहा है जिसका आउटपुट कुछ निकल कर नहीं आ रहा है।
इस प्रकार की नूरा कुश्ती को तुरंत बंद कर राज्यहित के फैसले लेते हुए विधानसभा को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी भाजपा और कांग्रेस दोनों की है और इस लड़ाई के खेल में जनता हार रही है संस्कार हार रहे हैं मर्यादाएं लांघी जा रही हैं जो कभी भी सही नहीं ठहराई जा सकती।
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