जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वित्त मंत्री ने बजट में अनेक प्रदेशों की योजनाओं का उल्लेख किया परन्तु राजस्थान की ई.आर.सी.पी. और यमुना लिंक योजनाओं के लिए कोई घोषणा नहीं की जो कि प्रदेश की जनता के साथ छलावा है जबकि केंद्र के मंत्री ने अपनी मौजूदगी में मध्यप्रदेश और हरियाणा के साथ एमओयू करवाए थे।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इस बजट को रोजगारोन्मुखी बताने का प्रयास किया है जो कि दर्शाता है कि भाजपा सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि बेरोजगारी चरम पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि बजट में दिखाए गए कदमों से बेरोजगारी कम नहीं होने वाली क्योंकि निम्न और निम्न मध्यम वर्ग में महंगाई के कारण खपत बढ़ नहीं पा रही है। सरकार को हर हालत में सरकारी पूंजीगत व्यय को और बढ़ाने पर जोर देना होगा।
पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधीन चल रहे लगभग
10 लाख रिक्त पदों को भरने को लेकर भी वित्त मंत्री बजट में चुप्पी साधे रखी जो साबित करता है कि सरकार बेरोजगारों को केवल निजी क्षेत्र की ओर धकेलना चाहती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा मनरेगा पर वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में एक शब्द भी नहीं बोलना समझ से परे है।
पायलट ने कहा कि कांग्रेस घोषणा पत्र की इंटर्नशिप योजना, प्रशिक्षुता योजना को बजट में शामिल करके भाजपा सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस की नीतियां सदा से ही देश हित में रही है। उन्होंने कहा कि इस बजट से न महंगाई कम होगी, न बड़ी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होंने और न ही राजस्थान को कोई विशेष योजना मिलेगी।