जयपुर। राजधानी में एक बार फिर इको फ्रेंडली होलिका दहन होगा। होलिका दहन में लकडिय़ों की बजाय गोकाष्ठ का उपयोग किया जाएगा। पेड़ बचाने और पर्यावरण को शुद्ध रखने की पहल के तहत आधा दर्जन गोशालाएं और कई सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं।
इसी कड़ी में गोमाया फाउंडेशन ने इको फ्रेंडली होलिका दहन की पहल की तो उसे सार्थक करने के लिए कुछ सामाजिक संस्थाओं ने इको होलिका दहन करने के लिए गोकाष्ठ की बुकिंग भी करवा ली है। गोमाया संस्था की ओर से होलिका दहन कराने के लिए कई संस्थाओं को गोकाष्ठ उपलब्ध कराया जाएगा।
इससे पहले कई गोशालाओं में गोकाष्ठ का अंतिम संस्कार में भी उपयोग हो रहा है। संस्था मुक्तिधाम पर गोकाष्ठ से अंतिम संस्कार करवा रही है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गोमय वसते लक्ष्मी अर्थात गो माता के गोबर में लक्ष्मी का निवास है एवं आध्यात्मिक दृष्टि से भी यदि बात की जाए गोबर पर्यावरण को शुद्ध करने में भी कारगर सिद्ध हो सकता है।
बड़ी होली के लिए 150 किलो गोकाष्ठ की जरूरत
गोमाया परिवार के डॉ. सीताराम गुप्ता ने बताया कि छोटी होली जो करीब 7-8 फीट की है तो उसके लिए 75 और 10 फीट से अधिक लंबी होली हो तो उसके लिए 150 किलो गोकाष्ठ की जरूरत होगी। संस्था द्वारा गोशालाओं से 7 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीद कर गोकाष्ठ तैयार की जा रही है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि राजधानी में 10 फीट से अधिक बड़ी प्रत्येक होलिका दहन में 12 से 15 साल का पूरा पेड़ खत्म हो जाता है।
यानी 10 क्विंटल तक लकड़ी का उपयोग होता है। इन पेड़ों की लकड़ी जलाने से वातावरण में प्रदूषण फैलता है एवं लाखों पेड़ प्रतिवर्ष काट दिए जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह यह इको फ्रेंडली होलिका दहन का अभियान प्रारंभ किया गया है।
गोशालाएं भी बनेगी स्वावलंबी
गोकाष्ठ से होलिका दहन एवं अन्य सामाजिक कार्यों में उपयोग होने से पेड़ों की कटाई और पर्यावरण तो बचेगा ही साथ ही गोशालाएं भी स्वावलंबी होंगी। संस्था द्वारा गोशालाओं से 7 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिलती है। इसको बेचने से जो रुपए मिलेंगे उनको गोशाला के विकास पर खर्च किया जा सकता है। गोकाष्ठ गोबर और लकड़ी के बुरादे से तैयार कर बनाई गई लकड़ी होता है।
2100 रुपये में 150 किलो गोकाष्ठ
सांगानेर स्थित श्री पिंजरापोल गौशाला में वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए गोकाष्ठ सेे होलिका दहन करने का अभियान चलाया गया है। यहां 150 किलो गोकाष्ठ 2100 रुपए में उपलब्ध है। यह राशि गौ सेवा में की जाएगी। अध्यक्ष नारायण लाल अग्रवाल, महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, कोषाध्यक्ष श्यामसुंदर भुतडा, मंत्री विवेक लड्ढ़ा, राधेश्याम विजयवर्गीय इस अभियान को गति दे रहे हैं।