जयपुर। राज्य में विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक की रोकथाम एवं त्वरित जांच के लिए एसआईटी एवं संगठित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा की ओर से इन दोनों कार्रवाई के लिए शनिवार देर को दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। राज्य में विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक से संबंध घटनाओं की रोकथाम एवं इसके संबंध में दर्ज मामलों में त्वरित जांच एवं दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं वी के सिंह के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है।
यह टीम पेपर लीक के संबंध में दर्ज प्रकरणों में त्वरित जांच कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और अपराधियों द्वारा निर्मित संपत्ति की जब्ती एवं कुर्की की कार्रवाई भी किया जाना सुनिश्चित करेगी। इस इन्वेस्टिगेशन टीम में एक एडीजी,एक-एक आईजी,डीआईजी,एसपी,चार एडिशनल एसपी, आठ डीएसपी,10 इंस्पेक्टर,एसआई,10 एएसआई,हेड कांस्टेबल एवं 15 कांस्टेबल तथा कांस्टेबल कंप्यूटर ऑपरेटर कुल 50 जने होंगे।
पुलिस महानिदेशक मिश्रा ने बताया कि इसी प्रकार राज्य में संगठित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने के लिए राज्य स्तर पर एक विशेष कार्य दल एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन एडिशनल डीजीपी क्राइम दिनेश एमएन के नेतृत्व में किया गया है।
यह दल मानवीय व तकनीकी आसूचना संकलन कर संगठित अपराध करने वाली गैंग्स की पहचान करेगा और उनका डाटाबेस तैयार कर प्रभावी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर गैंगस्टर को सख्त सजा दिलवाने का कार्य करेगा। साथ ही केंद्रीय व राज्य स्तरीय एजेंसी के साथ समन्वय कर संगठित अपराधों पर नियंत्रण रखा जाना सुनिश्चित करेगा।
डीजीपी ने बताया कि इस इन्वेस्टिगेशन टीम में एक एडीजी, एक-एक आईजी,डीआईजी,एसपी,दो एडिशनल एसपी, चार डीएसपी,चार इंस्पेक्टर,12 एसआई व एएसआई,40 हेड कांस्टेबल,कांस्टेबल एवं कांस्टेबल कंप्यूटर ऑपरेटर कुल 65 पुलिस अधिकारी नियोजित किए गए हैं।