जयपुर। श्री वैष्णव मण्डल जयपुर के तत्वावधान में गलताजी में 17 से 19 सितंबर तक पवित्रोत्सव आयोजित किया जाएगा। उत्सव का मुख्य उद्देश्य मठ-मंदिरों में दैनिक अनुष्ठानों में अनजाने में हुए संभावित अपचारों से उत्पन्न दोषों से मुक्ति के लिए क्षमा याचना कर प्राश्चित्त करना है। पवित्रोत्सव में पांचरात्रागम विधि के अनुसार वेद-पुराण, श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण, दिव्य प्रबंधों के पाठ, पारायण, तिरुमज्जन, हवन के साथ-साथ अनेक आयोजन होंगे।
स्वामी अवधेशाचार्य महाराज ने बताया कि श्रीरामानुज श्रीवैष्णव संप्रदाय में भगवान के मुखोल्लासार्थ एवं वैदिक सनातन पद्धति को अक्षुण्ण रखने के लिए अनेक प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं। श्रीरामानुज श्री वैष्णव संप्रदाय में यह मान्यता है कि भक्त भागवत जन द्वारा मनाए जाने उत्सव आदि का प्रयोजन केवल लौकिक फल प्राप्ति नहीं है अपितु अलौकिक फल मोक्ष प्राप्त करना है।
मोक्ष प्रदान करने के इन्हीं उत्सवों में से एक पवित्रोत्सव है जिसका मुख्य ध्येय भगवान की सेवा, पूजा-अर्चना करते समय जाने-अनजाने में संभावित अपचार ( दोष, त्रुटि आदि ) का प्रायश्चित्त करना है।