जयपुर। मालपुरा गेट थाना इलाके में एक बुजुर्ग व्यवसायी को सम्मोहित कर छह लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पीडित का आरोप है कि इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर दो बदमाश उनके घर आए थे और फिर उसे सम्मोहित होने पर 210 शीशी पस निकालना बताकर रुपए ऐंठ ले गए। पीड़ित व्यवसायी ने थाने मामला दर्ज करवाया है।
जांच अधिकारी पुलिस हेड कांस्टेबल गोपाल ने बताया कि सांगानेर के रहने वाले साठ वर्षीय एक व्यवसायी ने मामला दर्ज करवाया है कि वह पिछले काफी समय से साइटिका नामक बीमारी से ग्रस्त है। उनको चलते-फिरने और उठने-बैठने में प्रॉब्लम आती है। 16 नवंबर को दुकान खोलते समय राहुल नाम का एक लड़का आया और उसने कहा कि आपको देखकर लगता है कि आप साइटिका बीमारी से ग्रस्त है। उसकी माताजी भी पहले इस बीमारी से परेशान थी। अब वह बिल्कुल ठीक हो गई है और आम आदमी की तरफ दौड़ती-चलती है। विश्वास में लेने के लिए अपनी मां का नाम आशा बताया और बात भी करवाई।
युवक ने इलाज के लिए डॉक्टर आर. मर्चेंट का मोबाइल नंबर दिया और कहा कि डॉक्टर आर. मर्चेंट एक विख्यात डॉक्टर है, जो पूरे इंडिया में आम लोगों की भलाई के लिए घूम-घूम कर शर्तिया इलाज करते हैं। वह इलाज कर ठीक कर देंगे। इलाज के लिए उनका काफी लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है। वह एक महीने में सिर्फ एक बार ही जयपुर आते हैं। दो दिन के लिए मानसरोवर में इलाज के लिए आ रहे हैं। घर आकर इलाज करने के लिए एक हजार रुपए फीस लेते हैं।
विश्वास में आकर उसने डॉक्टर आर. मर्चेंट से बात की। इसके बाद 18 नवंबर को दोपहर को डॉक्टर मर्चेंट अपने साथी को लेकर घर आया। बातचीत के दौरान बताया कि वह साइटिका बीमारी का ही इलाज करते हैं। उसके पास दिव्य शक्तियां हैं, जिसकी मदद से दो दिन में बिना दवाइयों के बीमारी ठीक कर देते हैं। खुद की तारीफ करने के साथ ही मोबाइल में बीमारी से ग्रसित लोगों के स्वस्थ होने के फोटो-वीडियो दिखाए। बातचीत के बाद पीड़िता ने इलाज के लिए सहमति दे दी।
डॉक्टर ने उन्हें कमरे में पलंग पर उल्टा लिटा दिया और पत्नी को यह कहकर बाहर निकाल दिया कि वह इलाज करते हुए देख नहीं सकेगी। कुछ मिनट चेक करने के बाद बताया कि शरीर के अंदर इन्फेक्शन हो गया है। पीठ के निचले हिस्से में काफी पस भर गया है। पस को जल्दी नहीं निकाला तो पैरालिसिस या गैंगरीन हो सकता है, जिससे मौत भी हो सकती है। यह सुनते ही पत्नी काफी डर गई। इलाज के दौरान एक शीशी पस निकालने के बदले साढे तीन हजार रुपए चार्ज लेने की बात कही।
उन्होंने सहमति दी तो शातिर ने उनको एक टेबलेट खिलाई, जिससे उनकी सोचने-समझने के शक्ति खत्म हो गई। करीब आधे घंटे बाद होश आया तो उसने 210 शीशी पस से भरी दिखाई और कहा कि शरीर के अंदर का सारा पस निकाल दिया है और दो दिन में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। ठगों ने 210 शीशी पस निकालने का चार्ज सात लाख रुपए बताया। रुपयों की व्यवस्था नहीं होने पर कुछ कम रुपए देना तय हुआ और इलाज के बदले दोनों छह लाख रुपए लेकर चले गए।
उन लोगों के जाने के कुछ देर बाद उसे धोखे से रुपए ऐंठने का एहसास हो गया। दो दिन बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उसे धोखे का यकीन हो गया। उसे डॉक्टर आर. मर्चेंट ने बात की तो तीन लाख रुपए की दवा लेने के लिए कहा। दौसा और हरिद्वार से मंगा कर देने वाली दवाइयों से तुरंत असर का दावा किया। आरोपियों से मोबाइल कॉल पर बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मना कर दिया। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने थाने में मामला दर्ज करवाया।