जयपुर। शहर के आराध्य श्री राधा गोविंद देव जी मंदिर में आयोजित पारंपरिक फागोत्सव के तीसरे दिन रविवार को फाल्गुनी भजनों के साथ नृत्य और धमाल की ऐसी जुगलबंदी हुई कि श्रद्धालु अपने स्थान से खड़े होकर नाचने लगे। गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी, मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने मुन्ना लाल भाट को गायन में संतोष मारु को नृत्य और कौशल कांत पंवार को वादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं देने के लिए गोविंद सम्मान प्रदान किया। कार्यक्रम संयोजक गोविंद धामानी ने बताया कि अविनाश शर्मा और उनके दल के लगभग साठ कलाकारों ने बृज की लठमार होली साकार की। महिलाओं ने पुरूषों के साथ लठमार होली खेली।
मंदिर प्रशासन की ओर से धामाणी परिवार का होली का स्वांग । वरिष्ठ भजन गायक पं. जगदीश शर्मा ने होरी खेल रहे फागण में गणपति से कार्यक्रम की शुरुआत की। हुई । उन्होंने अब काहे की होली…. और नथ म्हारी दीज्यो रचना भी प्रस्तुत की।
तुषार शर्मा, नीलम शर्मा और नेहा शर्मा ने रंग दो मोरी श्याम चुनरिया गीत प्रस्तुत किया। हिण्डौन से आये उमाशंकर ने रसिया बन्यौ मदन मोहन प्यारो रसिया गीत प्रस्तुत किया। आकाशवाणी के संगीतकार दीपक माथुर ने होली खेले नंद का लाल…. तथा श्याम रंग में रंगी चुनरिया गीतों की सरस प्रस्तुति देकर तालियां बटोरी।
गौरव जैन ने रंग डारो ना बीच बाजार तथा कन्हैया रंग डारेगो होली गीतों की प्रस्तुति दी। अंकिता माहेश्वरी, रिंकी चटर्जी और अन्य ने नृत्य प्रस्तुत किया। नृत्य निर्देशक अंजू माथुर के दल के लगभग एक दर्जन कलाकारों ने रंग मत डारे रे गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को फाल्गुनी बना दिया।
प्रसिद्ध नृत्य गुरु ज्योति भारती गोस्वामी तथा उनके दल के सभी कलाकारों ने राधे के संग नंदलाल भजन पर जयपुर घराने के कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। नृत्य गुरु नमिता कौशल तथा कौशल कांत पँवार के शिष्यों शिष्याओं ने फाग गोविन्द के ठहरायो गीत पर कथक नृत्य किया। गायन रमेश मेवाल ने किया । बबलू दयाशंकर तथा याशिका ग्रुप के डेढ दर्जन कलाकारों ने होरी गीत आज बिरज में होरी रे रसिया तथा मेरो खोय गयो बाजूबंद रसिया होली में प्रस्तुत किया ।

सुरेन्द्र मिश्रा तथा राहुल शर्मा ने गायन में साथ दिया। दिल्ली सें आये नृत्य गुरु घनश्याम गंगानी के निर्देशन में उनकी शिष्या ऋचा गुप्ता ने ठुमरी श्याम बाराजोरी मोसे खेलो ना होरी पर कथक नृत्य प्रस्तुत किया । वरिष्ठ नृत्य गुरु शशि साँखला के निर्देशन में उनकी शिष्य मंडली ने सखी मैं तो बाल कुँवारी रे गीत पर कथक नृत्य प्रस्तुत किया। मुन्ना लाल भाट ने गायन में साथ दिया।
नृत्य गुरु मनस्विनी शर्मा तथा उनके दल के कलाकारों ने घनन घन घनश्याम भीजत ठुमरी पर कथक तथा भाव नृत्य प्रस्तुत किया। चेन्नई से आई कलाकार हेंदवी ने राग शुद्ध सारंग में ठुमरी प्रस्तुत की।
युवा गायक कुंजबिहारी जाजू ने बाजै छै नौबत बाजा डिग्गी पुरी का राजा लोक भजन की प्रस्तुति दी ।मंच संचालक संजय रायजादा और मंजू शर्मा ने किया।हारमोनियम पर शेर खान , की बोर्ड पर हबीब खान, तबला पर सावन डाँगी, ढोलक पर अकबर खान , नगारे पर गोपाल खींची ने संगत की।