जयपुर। सांगानेर सदर थाना इलाके में मंगलवार शाम को घर के बाहर खेल रहे एक बारह वर्षीय बच्चे के अपहरण के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जानकारी में सामने आया है कि आरोपितो ने अपना कर्ज उतारने के लिए बच्चे का अपहरण किया था। अपहरण करने के बाद आरोपितो ने बच्चे के हाथ-पांव बांधने के साथ आंखों पर पट्टी बांध कर कमरे में रखा। सीसीटीवी और परिजनों द्वारा एक युवक पर शंका के आधार पर पुलिस आरोपितो का पीछा करते हुए वहां पर पहुंची। जहां पुलिस ने सात घंटे के प्रयासों के बाद आरोपितो को पकड़कर बच्चे को चंगुल मुक्त करवा कर परिजनों को सौंप दिया।
थानाधिकारी पूनम चौधरी ने बताया कि घर के बाहर खेल रहे एक बारह वर्षीय बच्चे दिलखुश मीणा उर्फ अजय निवासी गांव फतेहपुरा सांगानेर सदर के अपहरण के मामले में सचिन मीणा निवासी शिवदासपुरा जयपुर और अशोक मीणा निवासी मलारना डूंगर जिला सवाई माधोपुर को गिरफ्तार किया है। यह घटना सांगानेर सदर थाना इलाके की मंगलवार शाम करीब चार बजे के आस-पास की है और रात 12 बजे पुलिस ने बच्चे को आगरा-दौसा रोड बस्सी थाना इलाके के बासखो पर बने एक कमरे से लेकर आई।
पूछताछ में बताया कि आरोपित सचिन मीणा पर कर्ज था और इसे उतारने के लिए दोस्त अशोक मीणा के साथ प्लानिंग बनाई थी और घर के बाहर खेल रहे एक बच्चे दिलखुश मीणा का अपहरण कर आगरा रोड की तरफ ले गए। इस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आस-पास के सीसीटीवी खंगाले। इसमें सामने आया कि सफेद रंग की कार में बदमाश बच्चे को लेकर निकले है।
इसके बाद जहां-जहां कार दिखाई दी उस रूट के सीसीटीवी खंगाले। इधर घरवालों से जब जानकारी ली तो उन्होंने उनके परिचित सचिन मीणा पर शक जाहिर किया। सचिन मीणा जयपुर के टोंक रोड के बड़ी का वास इलाके में रहता है। पुलिस ने जब सचिन को कॉल किया तो उसने बताया कि वह चेन्नई है। लेकिन जब पुलिस ने सचिन की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की तो उसकी लोकेशन आगरा-दौसा रोड की तरफ आई। लोकेशन ट्रेस होने पर साइबर सेल दक्षिण की मदद से लोकेशन को ट्रेस किया गया। इधर बस्सी, कानोता और तूंगा के थाना अधिकारी को भी अलर्ट किया गया।
बस्सी थाना पुलिस टीम ने आगरा-दौसा रोड की तरफ बांसखो में नाकाबंदी करवाई। नाकाबंदी के दौरान सचिन और अशोक ने भागने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने उन्हें पकड़ लिया। जब दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि एक बच्चे का अपहरण कर उन्होंने बांसखो में एक कमरे में छिपा रखा है। इस पर टीम दोनों बदमाशों को लेकर कमरे पर गई। टीम दोनों आरोपितों एक कमरे पर लेकर पहुंची, जहां नाबालिग को बंधक बना रखा था। यहां पुलिस टीम ने रेस्क्यू का पूरा वीडियो बनाया। दोनों बदमाशों ने नाबालिग के हाथ-पैर बांध कर कमरे पर बंधक बना रखा था।
इतना ही नहीं आंखों पर पट्टी और हाथ भी रस्सी से बांधे थे। पूछताछ में सामने आया कि बदमाश सचिन मीणा पीड़ित परिवार का परिचित था। नाबालिग के पिता रेलवे में नौकरी करते हैं। सचिन मीणा ने बताया कि मौज मस्ती के लिए खूब पैसा खर्च किया, जिससे उस पर कर्जा हो गया था। इस कर्ज को उतारने के लिए सचिन ने अशोक के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की थी।