April 24, 2025, 10:16 am
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दो दिवसीय 30वां अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद निनाद विरासत समारोह आज से

जयपुर। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 24 और 25 दिसंबर को प्रसिद्ध कलाकारों की ध्रुवपद गायिकी  और वादन  सुनने का अवसर मिलेगा। मौका रहेगा 30वें अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद निनाद विरासत समारोह-ध्रुवपद धरोहर विभूति समर्पण कार्यक्रम का। इंटरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट, रसमंजरी संगीतोपासना केंद्र, जयपुर द्वारा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला की सहभागिता में सायं 5 बजे से 8 बजे तक समारोह का आयोजन  राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में किया जाएगा।  

यह समारोह ट्रस्ट के संस्थापक गायनाचार्य पद्मश्री पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग और मीराबाई को समर्पित किया जाएगा। इस समारोह में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान एवं केंद्रीय संगीत अकादमी से पुरस्कृत एवं आकाशवाणी के टॉप ग्रेड कलाकार भाग लेंगे। पहले दिन प्रोफेसर विजयेंद्र गौतम एवं डॉ. श्याम सुंदर शर्मा, पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के योगदान पर चर्चा करेंगे साथ ही रोहित बारोटिया द्वारा तैयार डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग भी की जाएगी।

वरिष्ठ ध्रुवपद गायिका प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग के निर्देशन में पं. लक्ष्मण भट्ट द्वारा राग कीरवानी में रचित गणेश स्तुति की ध्रुवपद-रचना एवं मीराबाई सृजित राग मीरा की मल्हार, जिसे डॉ. मधु ने शोध कर के निकाला है साथ ही राग कीरवानी में डॉ. मधु द्वारा रचित ताल सूलताल में निबद्ध ध्रुवपद रचना को वृन्द गायन द्वारा दोनों विभूतियों को समर्पित किया जाएगा। नाथद्वारा घराने के विख्यात पखावज वादक दिल्ली के पं. डालचंद चंद शर्मा एकल पखावज वादन प्रस्तुत करेंगे। अंतिम प्रस्तुति कानपुर के सुप्रसिद्ध दरभंगा घराने के ध्रुवपद गायक पं. विनोद कुमार द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी की ध्रुवपद गायन की जुगलबंदी प्रस्तुत करेंगे।

दूसरे दिन के प्रारंभ में अजमेर के विख्यात साहित्यकार डॉ. सुरेश बबलानी मीराबाई के जीवन पर  प्रकाश डालेंगे। लखनऊ के विख्यात पखावज वादक अवधि घराने के पं. राज खुशीराम एकल पखावज  वादन प्रस्तुत करेंगे। अंतिम प्रस्तुति ध्रुवपद के संकीर्तन हवेली संगीत के नामचीन गायक गोकुल के पं. गोकुलेन्दु तैलंग मंदिरों में प्रस्तुत ध्रुवपद की भक्ति पूर्ण रचनाओं का कीर्तन शैली में सुमधुर गायन करेंगे। इस प्रकार इस समारोह में  ध्रुवपद की मंदिर और दरबारी दोनों परंपराएँ श्रोता सुन पाएँगे।


उल्लेखनीय है कि सारंगी की एकमात्र महिला सारंगी वादक दिल्ली की विदुषी गौरी बनर्जी पुरुष कलाकारों  के साथ सारंगी पर संगत करेंगी। दिल्ली के पंडित मनमोहन नायक, मथुरा के डॉ. अंकित पारिख एवं ऐश्वर्य आर्य पखावज पर संगत करेंगे। समारोह में दोनों विभूतियों के नाम से ही वरिष्ठ कलाकारों पं. डालचंद शर्मा , पं. राज ख़ुशीराम, पं. विनोद द्विवेदी एवं पं. गोकुलेन्दु तैलंग को ‘संगीत-विभूति’ एवं  विख्यात साहित्यकारों डॉ. गोपाल शर्मा, विधायक सिविल लाइंस एवं  डॉ. सुरेश  बबलानी को ‘साहित्य  वाङ्गमय  विभूति’ सम्मान से  नवाज़ा जाएगा। समारोह के मुख्य अतिथि प्रथम दिन डॉ. गोपाल शर्मा, विधायक सिविल लाइन क्षेत्र एवं दूसरे दिन स्वामी बाल मुकुंदाचार्य ,विधायक हवा महल क्षेत्र होंगे। इस अवसर पर डॉ. मोहन लाल की प्रकाशित “पुस्तक भारतीय संगीत में लहरा वादन “एवं ट्रस्ट की वार्षिक पत्रिका “ध्रुवावाणी” का भी विमोचन होगा। 

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