जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर बुधवार को पूरी तरह होली के रंग में रंगा नजर आया। पहला कारण था फाल्गुन शुक्ला एकादशी और दूसरा कारण था बालव्यास के सान्निध्य में शुरू हुआ पुष्प फागोत्सव। पहले दिन कोलकाता के प्रसिद्ध कथाव्यास श्रीकांत शर्मा ने एक से बढक़र एक राजस्थानी भजनों की ऐसी मधुर तान छेड़ी कि सभी श्रोता कार्यक्रम के आरंभ से समापन तक नाचते ही रहे। जयपुर, कोलकाता, और शेखावाटी के कलाकारों ने तीन घंटे तक मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को भक्ति की डोर से बांधे रखा। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने गोविंद देवजी के चित्रपट का पूजन कर व्यासपीठ पर आसीन श्रीकांत शर्मा, कार्यक्रम संयोजक बालकृष्ण बालासरिया और संगतकारों का तिलक कर सम्मान किया।
गणेश वंदना और मंगलाचरण के बाद पुष्प फागोत्सव परवान चढऩा शुरू हुआ। फूलों और इत्र की खुशबू से महकते और श्रद्धालुओं से खचाखच भरे सत्संग भवन में श्रीकांत शर्मा ने उड़ती कुरजलिया संदेशो म्हारो लेती जाइ ज्ये रे…, गोविंद म्हाने प्यारो लागे जी…., सांवरिया सरकार खेलो होली…., घूंघट म्हारो हटाय कान्हो मले छै गुलाल…, होली खेलो श्याम पिया संग जिंदगी को आनंद आ ज्यासी…, होली आई रे सांवरिया अब तो बाहर आ…, म्हारे काना मं झुमका पहना दे नंदलाल….जैसे भजनों की कर्णप्रिय प्रस्तुतियां दीं। कोलकाता से आईं प्रियंका कुमावत, श्वेता कुमावत, विष्टी जैन, सीमा जैन, दिव्या, नेहा ने राधा-कृष्ण और सखियों के स्वरूप में भजनों के बोल के अनुरूप कायिक और आंगिक अभिनय से मन जीत लिया। भजनों की स्वर लहरियों पर इन्होंने सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर जमकर तालियां बटोरी। कृष्ण और राधा के स्वरूप पर बार-बार पुष्प वर्षा होती रही।
राधिका कल्चरण सोसायटी की रेखा सैनी के निर्देशन में एक दर्जन से अधिक युवतियोंं ने विभिन्न भजनों पर भाव प्रवण कर नृत्य किया। विराट कृष्ण और अन्य आठ कलाकारों ने फाग का रास और मयूर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। वहीं शेखावाटी के कलाकारों ने ढप और चंग पर धमाल की प्रस्तुति देकर माहौल को फाल्गुनी बना दिया। गुरुवार को वृंदावन, मथुरा और अजमेर के कलाकार प्रस्तुतियां देंगे।
ये विशिष्टजन भी पहुंचे फाग में:
कार्यक्रम में मालवीयनगर विधायक कालीचरण सराफ, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य, पूर्व विधायक अरुण चतुर्वेदी सहित अनेक विशिष्ट लोग भी पहुंचे। कार्यक्रम संयोजक बालकृष्ण बालासरिया और हरि प्रसाद भूत ने दुपट्टा और पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया।
इन्होंने की संगत:
पुष्प फागोत्सव में की बोर्ड पर बाल गोविंद, तबले पर चंद्रदेव, ढोलक पर योगेन्द्र पांडेय, पैड पर छेदीलाल और बांसुरी पर रविकांत चौरसिया ने संगत की। सुरेश कुमार ने श्रीकांत शर्मा के साथ सह गायन किया।
गोविंद देवजी मंदिर में पुष्प फाग का सिलसिला- गोविंद देवजी मंदिर में 23 साल से हो रहे पुष्प फागोत्सव की शुरुआत एक रोचक घटनाक्रम से हुई। देश-दुनिया में भागवत कथा कर रहे श्रीकांत शर्मा की 2001 में गोविंद देवजी को भागवत कथा सुनाने की इच्छा हुई। बालकृष्ण बालासरिया ने इसके लिए गोविंद देवजी मंदिर के पीछे स्थित जय निवास उद्यान को बुक करवा दिया। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने कहा कि कथा मंदिर परिसर में हो तो ज्यादा अच्छा रहता।
इसके बाद वर्तमान सत्संग भवन की खाली पड़ी जगह पर डोम बनाकर कथा शुरू की गई। कथा का समापन होली से एक सप्ताह पूर्व हुआ था। तब श्रीकांत शर्मा ने फूलों की होली का एक छोटा सा कार्यक्रम किया जो सभी को बेहद पसंद आया। जयपुर में फूलों की होली का वह पहला कार्यक्रम था। गोविंद देवजी मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने श्रीकांत शर्मा से आग्रह किया है कि फूलों की होली का यह कार्यक्रम हर साल गोविंद देवजी मंदिर में हो। श्रीकांत शर्मा ने उनका निवेदन स्वीकार करते कहा कि फूलों की होली तब तक होगी जब आप ना नहीं कहेंगे। अब श्रीकांत शर्मा देश-दुनिया के किसी भी कोने में कयों न हो वे हर साल फाल्गुनी शुक्ल की एकादशी और द्वादशी जयपुर आते हैं और यह कार्यक्रम करते है ।