जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मुख्यालय को मिली एक गोपनीय सूत्र-सूचना पर एसीबी की जयपुर नगर-तृतीय टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर धौलपुर सियाराम चन्द्रावत, अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर भरतपुर राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) लक्ष्मण सिंह एवं राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) सलाहकार मुख्य प्रबन्धक और सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी महेश चंद गुप्ता को एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते देते गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी मुख्यालय को एक गोपनीय सूत्र-सूचना मिली थी कि राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) के विभिन्न जिलों में हुए और चल रहे निर्माण कार्यों के परियोजना निदेशकों तथा ठेकेदारों द्वारा मिलीभगत कर बजट आंवटन और बिल भुगतान करने के लिये राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) के मुख्य प्रबन्धक के लिये रिश्वत के रूप में बड़ी धनराशि का लेनदेन किया जा रहा है।
इस पर एसीबी की तकनीकी शाखा द्वारा विकसित सूत्र-सूचना पर जयपुर नगर-तृतीय टीम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु के नेतृत्व में ट्रेप की कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर धौलपुर सियाराम चन्द्रावत, अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर भरतपुर राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) लक्ष्मण सिंह एवं राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) सलाहकार मुख्य प्रबन्धक और सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी महेश चंद गुप्ता को एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते देते गिरफ्तार किया गया है।
मौके पर कार्रवाई के दौरान तलाशी में आरोपियों के कब्जे से एक लाख ग्यारह हजार रुपये संदिग्ध राशि भी बरामद की गई है। आरोपित सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी महेश चंद गुप्ता के निवास की तलाशी ली गई। जिसमें अब तक करीब 92 लाख रुपये से अधिक की नगदी एवं नोट गिनने की मशीन बरामद की जा चुकी है।
इसी प्रकार आरोपित अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर सियाराम चन्द्रावत के घर की तलाशी में करीब 32 लाख रुपये नगद बरामद हो चुके हैं। वहीं राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) के मुख्य प्रबन्धक संदिग्ध आरोपी सुधीर माथुर एवं अन्य अधिकारियों के निवास एवं अन्य ठिकानों पर भी तलाशी जारी है।