जयपुर। दौसा की दो सगी बहनों ने जयपुर में सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस से न्याय की गुहार लगी है। सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर दो आरोपित दोस्तों ने मिलने बुलाकर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस संबंध में आमेर थाने में पीड़िताओं के पिता ने दोनों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था। काफी समय बीत जाने के बाद जब उन्हे न्याय नहीं मिला तो गुरूवार को पुलिस कमिश्नर ज्ञापन दिया और बोला कि पुलिस से हमें न्याय नहीं मिला है। अब देखना है कि जयपुर पुलिस कमिश्नर उनकी शिकायत का समाधान करते है या नही।
गुरुवार को मीडिया से रू-ब-रू हुए पीडिता और उसके पिता ने बताया कि अक्टूबर-2023 में आमेर थाने में दो सगी बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। दौसा में रहकर 18 साल की बेटी कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रही है। वह पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी जाया करती थी। आरोप था कि लाइब्रेरी ऑनर हेमेंद्र शर्मा ने बेटी को सरकारी नौकरी लगाने की कही। मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल कर बात करने लगा। सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपी हेमेंद्र शर्मा ने कई बार दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर सरकारी नौकरी नहीं मिलने के लिए धमकाया।
उन्होंने बताया कि आरोपित हेमेंद्र शर्मा ने उसकी बेटी और नाबालिग बहन को जयपुर में दोस्त से मिलने के लिए बुलाया। झांसा दिया कि दोस्त अंतराम चौधरी सरकारी नौकरी लगवाने का काम करता है। दोनों बहनों की सरकारी नौकरी लगवा देंगे। 5 नवम्बर 2022 को दोनों बहनें दौसा से ट्रेन में जगतपुरा रेलवे स्टेशन पहुंची। आरोपी हेमेंद्र और उसका दोस्त अंतराम चौधरी उन्हें लेने आए। कार में बैठाकर दोनों बहनों को एक फ्लैट पर ले गए। आरोपी अंतराम चौधरी ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया और हेमेंद्र शर्मा ने दोनों बहनों से दुष्कर्म किया। जल्द ही सरकारी नौकरी लगाने की कहकर दोनों बहनों को दौसा भेज दिया। इसके बाद 3-4 दिन बाद आरोपी हेमेंद्र को कॉल कर नौकरी लगाने की बात कही।
अंतराम चौधरी का जयपुर से कॉल आने पर बताने की कहकर मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। लाइब्रेरी आने पर भी हेमेंद्र शर्मा ने मना कर दिया। नौकरी के लिए सम्पर्क नहीं होने पर आमेर में रहकर कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी करने लगे। आरोप है कि 4 सितम्बर 2023 को सामान लेने जाने के दौरान आरोपी अंतराम चौधरी मिल गया। बेटी को रोककर बातचीत कर कमरे के बारे में जानकारी ले ली। 10-12 दिन बाद घर मिलने आने पर डॉक्यूमेंट देने पर सरकारी नौकरी लगाने की कहकर चला गया।
14 सितम्बर को दोपहर घर आने पर कमरे में नाबालिग बहन से अकेला पाकर छेड़छाड़ करने लगा। विरोध कर शोर मचाने पर उसके साथ मारपीट की। नाबालिग बहन की आवाज सुनकर बाहर आने पर जान से मारने की धमकी देकर चला गया। डर के मारे बच्चों ने परिजनों को आपबीती सुनाई। पीड़ित बच्चियों के पिता की शिकायत पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट, गैंगरेप और एससी/एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी।
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने गुरुवार दोपहर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ से न्याय की गुहार लगाते हुए ज्ञापन दिया। पीड़िता बोली कि पुलिस में दर्ज करवाई एफआईआर में उनको न्याय नहीं मिला। पीड़िताओं का आरोप है कि वॉट्सऐप चेट सहित कुछ सबूत देने के बाद भी पुलिस ने मामले में एफआर लगा दी। पुलिस आलाधिकारियों से गुहार लगा है कि मामले में प्रसंज्ञान लेकर उन्हें न्याय दिलाए जाए।