जयपुर। राजस्थान पुलिस एक तरफ जहां फील्ड में एक्टिव मोड में नजर आ रही है, बदमाशों पर लगातार कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों को जागरूक करने के लिए भी नित नए प्रयास कर रही है। वेलेंटाइन वीक के मौके पर राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया के जरिए ऐसा ही एक अनोखा प्रयास किया गया है। वेलेंटाइन वीक को प्रेम से ना जोड़ते हुए पुलिस की ओर से लोगों को हेल्पलाइन नम्बरों के प्रति जागरूक किया गया है। इसमें बताया गया है कि महिलाएं हो या बच्चे, साइबर क्राइम पीड़ित हो या भ्रष्टाचार पीड़ित अलग अलग लोगों को हेल्पलाइन नम्बर बताए गए हैं, जिन पर संपर्क करके तुरंत सहायता प्राप्त की जा सकती है। इस सीरीज का नाम भी हेल्पलाइन वाला वेलेंटाइन रखा गया है।
शायरी का अनोखा अंदाज
वेलेंटाइन वीक के मौके पर शुरू किए गए इस कैंपेन के पहले दिन यानी रोज डे पर मनचलों को शायराना अंदाज में हिदायत दी गई है। इसके मुताबिक रोज डे के मौके पर जबरन किसी की गुलाब देने पर पुलिस सबक सिखाने के लिए तैयार है। यदि कोई ऐसी हरकत करे तो हेल्पलाइन नंबर 1090 पर शिकायत की जा सकती है। इस संदेश को रोचक तरीके से बताते हुए लिखा है कि-
हमसे गलती हुई जो
उसे जबरन गुलाब ए गुल दे दिया
उसने हेल्पलाइन 1090 पर फोन किया
और हमें सबक सिखा दिया
इसी तरह दूसरी पोस्ट में साइबर हेल्पलाइन के बारे में जानकारी देते हुए सावचेत किया गया है। इसमें साइबर हेल्पलाइन 1930 का जिक्र करते हुए शायरी लिखी गई है कि-
उसने किया Propose
और Password-OTP ले लिया
पल भर में वफा के नाम पर
बैंक का खाता खाली कर दिया
फिल्मी संवाद भी किए शामिल
राजस्थान पुलिस के रचनात्मक प्रयोग यहीं नहीं रूके। इसके बाद बनाई गई पोस्ट में फिल्म ओम शांति ओम के संवाद एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू तो बदलकर लिखा गया है कि
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की Importance तुम क्या जानो Teddy Babu.
बच्चों की मददगार होती है
मासूमों की सजग पहरेदार होती है
बच्चों के गुनहगारों पर करारा वार होती है 1098
लगातार सोशल मीडिया पर छा रही है
राजस्थान पुलिस की सोशल मीडिया टीम पिछले कुछ समय से काफी सक्रिय नजर आ रही है। करीब दो साल से अधिक समय से राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर बड़े रोचक तरीके से इस तरह की मुहिम चलाई गई हैं। इसमें फिल्मी गानों, शायरी, पंचलाइन, संवादों आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह के रोचकता पूर्ण संदेश से आमजन को बातें सहजता से समझ आती हैं। इससे पूर्व भी होली, न्यू ईयर, फ्रेंडशिप डे जैसे अलग अलग मौकों पर पुलिस की ओर से ऐसे प्रयोग किए गए हैं जो सफल भी रहे हैं।