जयपुर। जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का 2876 वां निर्वाणोत्सव रविवार को मनाया धूमधाम से मनाया गया । इस मौके पर मंदिरों में मंत्रोच्चार के साथ मोक्ष का प्रतीक लाडू चढ़ाया गया । जैन धर्म के अनुसार इस पर्व को मुकुट सप्तमी या मोक्ष सप्तमी भी कहते हैं। इस दिन कुंवारी कन्याएं ने मोक्ष सप्तमी का उपवास करती है। शहर में चल रहे चातुर्मास स्थलों पर शाश्वत सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर की झांकी सजाकर भगवान के मोक्ष स्थल स्वर्ण भद्रकूट पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया । कई मंदिरों में श्री पार्श्वनाथ विधान पूजा का संगीतमय आयोजन किए गए।
जैन मुनियों का मिला सान्निध्य
मानसरोवर के वरुण पथ स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य शशांक सागर महाराज, प्रतापनगर में उपाध्याय उर्जयन्त सागर महाराज, मीरा मार्ग के आदिनाथ भवन पर मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ, कीर्तिनगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समत्व सागर महाराज, थड़ी मार्केट के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में उपाध्याय वृषभानन्द महाराज ससंघ, बरकतनगर के श्री चन्द्रप्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि अर्चित सागर महाराज, पदमपुरा के श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में मुनि महिमा सागर महाराज ससंघ, दुर्गापुरा के श्री चन्द्रप्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि पावन सागर महाराज, दहमीकलां के श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य नवीन नन्दी महाराज,बीलवा के नांगल्या स्थित विमल परिसर में गणिनी आर्यिका नंग मति माताजी के सान्निध्य में विशेष आयोजन हुए । आमेर के नटाटा स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अध्यक्ष महेन्द्र साह आबूजीवाले, महामंत्री विनोद जैन के नेतृत्व में निर्वाणोत्सव मनाया जाकर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया ।