जयपुर। फोर्टी कार्यालय में वैश्य समाज के विभिन्न संगठनों की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बैठक में राजनीतिक दलों से वैश्य समाज को लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर उचित प्रतिनिधित्व की मांग उठाई गई । इस बैठक में अग्रवाल शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ,अखिल भारतीय खंडेलवाल, वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल,अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश कोषाध्यक्ष और माहेश्वरी समाज जनउपयोगी भवन उत्सव के सचिव सुरेश कालानी , फोर्टी यूथ विंग के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चानणमल अग्रवाल शामिल हुए। अग्रवाल शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का वैश्य समाज की राजनीति में उपेक्षा को अनुचित बताते हुए कहना है कि राजस्थान में सर्वसमाज के सामाजिक हितों से जुड़े सभी कार्यो में वैश्य समाज बड़ चढ़ कर हिस्सा लेता है। चाहे वो आर्थिक रूप से हो या संसाधन उपलब्ध करवाने का काम हो।
राजस्थान में भी राजस्व अदा करने में वैश्य समाज अव्वल है। फिर भी राजनीतिक दलों की ओर से वैश्य समाज की उपेक्षा की जा रही है। लोकसभा चुनाव सामने है। वैश्य समाज मांग करता है कि चुनावों में समाज को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। अभी हुए विधानसभा चुनावों में समाज की घनघोर अनदेखी की गई हैं। विधानसभा चुनावों में प्रमुख पार्टियों ने सिर्फ पांच टिकट दिए। जबकि राजनीतिक दलों की तर्ज पर जाति की संख्या के आधार पर बात की जाए तो एक दल को 17 टिकट देने थे। जबकि मिले सिर्फ पांच । पूर्व में भी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से वैश्य समाज ने उचित प्रतिनिधित्व की मांग की है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टी काम से कम पांच पांच लोक सभा प्रत्याशी के लिए वैश्य समाज के प्रतिनिधि को टिकट प्रदान करे।
अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा के राष्ट्रिय अध्यक्ष रमेश खण्डेलवाल के अनुसार राजस्थान में वैश्य समाज की करीब नौ प्रतिशत की मतदाता आबादी है। करीब चार करोड़ मतदाताओं में से वैश्य समाज का नाम मात्र का प्रतिनिधित्व है। वैश्य समाज की अनदेखी से राजस्थान की राजनीति में दुष्प्रभाव पड़ता है। और वैश्य समाज अपने आप को ठगा सा महसूस करता है। अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन,राजस्थान प्रदेश कोषाध्यक्ष एवम श्री माहेश्वरी समाज जनोपयोगी भवन उत्सव सचिव सुरेश कालानी ने कहा कि फिलहाल सत्ता धारी दल ने भी वैश्य समाज को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया। राजनीतिक दल संगठन में भी प्रमुख पद से दूर रखते है। इस कारण से वैश्य समाज का युवा राजनीतिक दलों से दूर होता जा रहा है। हम राजनीतिक दलों से मांग करते हैं कि लोकसभा चुनावों में राजस्थान में कम से कम दोनों दलो के द्वारा पांच पांच टिकट दिए जाएं। उम्मीद है राजनीतिक दल हमारी उचित मांग मानेंगे।
फोर्टी यूथविंग के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल जी का कहना है की वैश्य समाज का युवा राजनीतिक दलों से दूर होता जा रहा है जो सही नही है वैश्य समाज का तकरीबन 9 प्रतिशत मतदान है यदि वैश्य समाज चुनाव प्रतिनिधित्व का अवसर प्राप्त हो तो यह गुणांक फल देगा।वैश्य समाज के युवा भी जो राजनीतिक दलों के प्रतिनिधित्व के क्षमता रखते है,उन्हे मौका मिलना चाहिए। राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष चानणमल ने बताया कि कैसे वैश्य समाज ने गत राज्य स्तरीय चुनाव के समय अपना पूरा सहयोग किया वैश्य वर्ग सदेव सरकार को सबलता प्रदान करता है किंतु सरकार द्वारा इस वर्ग की राजनीतिक उपेक्षा स्वीकार्य नहीं है इसके लिए राजनीतिक दलों को चुनावों में वैश्य समाज से भी प्रतिनिधियों को भी मौका दे कर अपनी उदारता व निष्पक्ष पहलू को दर्शाना चाहिए ।