जयपुर। पंचांग के अनुसार वैशाख कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं । इस बार वरुथिनी एकादशी का व्रत आज किया जाएगा । वैशाख मास भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया हैं इसलिए इस मास में पड़ने वाली वरुथिनी एकादशी का महत्व भी बहुत खास हैं । धन की कमी को पूरा करने के लिए वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से बहुत लाभ होता है । वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वराह स्वरूप की पूजा की जाती हैं ।
पंडित शैलेश शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) ने बताया कि वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग रहेगा । एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने का समय सुबह 7 बजकर 25 मिनट से 9 बजकर तीन मिनट तक हैं । एकादशी होने से शनि देव की पूजा करना भी श्रेष्ठ रहेगा। एकादशी के दूसरे दिन व्रत का पारायण किया जाता हैं । एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना गया हैं ।