जयपुर। विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जगतपुरा में द्वितीय राष्ट्रीय वीजीयू आर. के. रस्तोगी मेमोरियल नेशनल नेगोशिएशन प्रतियोगिता 28 से 29 सितंबर, 2024 तक आयोजित की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में देश भर के प्रतिष्ठित लाॅ इस्टीटयूटस एवं नेशनल लाॅ युनिवर्सिटीज की 35 से अधिक टीमें हिस्सा लेंगी। उच्चतम न्यायालय और राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायधीशों सहित जाने माने अधिवक्ता, कानूनी विशेषज्ञ उदघाटन समारोह में हिस्सा लेगे।
जिनमें मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, विशिष्ट अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मणीन्द्र मोहन श्रीवास्तव होंगे, जबकि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अवनीश झिंगन, एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी विशेष अतिथि के रूप में शाामिल होंगे।
भारत के अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल आर. डी. रस्तोगी ने बताया कि यह प्रतियोगिता लाॅ संस्थानों के छात्रों को अपनी संवाद शैली और कौशल विकास को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करने का अनूठा अवसर है जो उनके कैरियर को नया आयाम प्रदान करेगी। इस प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को नियमित अदालती प्रक्रिया के विकल्प के रूप में वैकल्पिक विवाद समाधान के बारे में जानकारी मिलेगी।
प्रतियोगिता के बारे में वीजीयू के चेयरमैन एवं पूर्व आईएएस, डाॅ ललित के पंवार ने बताया कि राजस्थान राज्य विधानसभा अधिनियम 2012 के तहत स्थापित, विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी एक प्रमुख निजी विश्वविद्यालय है जो अपनी नवीन शिक्षण विधियों, अत्याधुनिक अनुसंधान और व्यापक पाठ्यक्रम के लिए प्रख्यात है। विश्वविद्यालय कानूनी जागरूकता और सशक्तिकरण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करवाता रहता है।
वीजीयू के वाइस चेयरमैन डाॅ के. आर. बगरिया ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह 28 सितंबर को 2024 को सुबह 9 बजे वीजीयू के ऑडिटोरियम, टेक्नोलॉजी ब्लॉक में किया जाएगा। 29 सिंतबर को दोपहर बाद 2.30 बजे पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह होगा।
उन्होंने कहा कि कानूनविदों और वरिष्ट अधिवक्ताओं के मार्गदर्शन में वीजीयू प्रत्येक वर्ष राष्टीय स्तर पर नेगोसिएशन एवं मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं के जरिए कानून के विद्यार्थियों को अपनी कानूनी विषयों की समझ को प्रदर्शित करने और अपने विचारों को साझा करने का अवसर प्रदान करता है।
विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ओंकार बगरिया ने कहा लाॅ एक ऐसा प्रोफेशन है जहां विद्यार्थियों के लिए कानून के सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक पक्षों की गहन समझ भी जरूरी है। इस ज्ञान को आपसी समझ और समझौते के माध्यम से कानूनी विवादों को सुलझाने के लिए विधि के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित और प्रोत्साहित करना इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
लाॅ विभाग के डीन. प्रो पी. पी. मि़त्रा ने बताया कि प्रतियोगिता के विजेताओं को नगद राशि और ट्राफी प्रदान की जाएगी। दो दिवसीय इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी कानूनी रणनीति, प्रक्रियाओं और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौतों तक पहुंचने की अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।
लाॅ विभाग की हैड डाॅ. शिल्पा राव रस्तोगी ने बताया कि इस वैकल्पिक समाधान प्रकिया के जरिए न्यायालयों में लंबित मामलों के निस्तारण में शीघ्र मदद मिलती है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता बहुत कम लाॅ संस्थानों में आयोजित की जाती है। प्रतियोगिता को लेकर प्रतिभागियों में खासा उत्साह है।