जयपुर। राजस्थानी भाषा के लालित्य और कला एवं संस्कृति के सौंदर्य से सराबोर करने के लिए जवाहर कला केन्द्र की ओर से 21 से 23 मार्च तक विजयदान देथा साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। ग्रास रूट मीडिया फाउंडेशन के क्यूरेशन में होने वाले उत्सव में राजस्थान के प्रमुख साहित्यकारों को समर्पित सत्र रखे गए हैं। कुल 10 साहित्यिक सत्र होंगे जिनमें 35 से अधिक साहित्यकार विचार रखेंगे। कवि सम्मेलन में राजस्थानी भाषा के कवि अपनी प्रमुख रचनाओं का पाठ करेंगे। वहीं गायन व रंगमंच प्रस्तुतियां भी आयोजित होंगी।
21 मार्च को सायं 4:30 बजे रंगायन में ‘विजयदान देथा जीवन परिचय एवं साहित्यिक योगदान’ विषय पर व्याख्यान के साथ उत्सव की शुरुआत होगी। सायं 6 से 7 बजे ‘साधो! सबद साधना कीजे’ सत्र में डॉ. राजेश कुमार व्यास, राजवीर चलकोई, डॉ. गजादान चारण विचार रखेंगे, प्रदक्षिणा पारीक समन्वयक रहेंगी। सायं 7:15 से रात्रि 9 बजे तक विश्वामित्र दाधीच के निर्देशन में ‘ढाई कड़ी की रामलीला’ का मंचन होगा।
22 मार्च को प्रात: 9 बजे कृष्णायन में प्रभातकालीन रागों में सुरीली आवाज को पिरोते हुए हुल्लास पुरोहित शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। प्रात: 10 बजे से प्रात: 11:30 बजे तक ‘रानी लक्ष्मी कुमारी चुंडावत’ सत्र में ‘राजस्थानी भासा मांय महिला लेखन री कूंत’ विषय पर चर्चा होंगी। इसमें शारदा कृष्ण, किरण राजपुरोहित, रेखाश्री खेराड़ी, ममता महक चर्चा करेंगी, अभिलाषा पारीक समन्वयक रहेंगी।
प्रात: 11:45 से दोपहर 1 बजे तक ‘सीताराम लालस’ सत्र में भासा री रमझोळ-कुण सी राजस्थानी’ विषय पर कुंदन माली, डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित, सुरेश सालवी, कृष्ण कुमार आशु अपनी बात रखेंगे, सत्र का समन्वय हरि मोहन सारस्वत करेंगे। दोपहर 2 से 3 बजे तक ‘किशोर कल्पनाकांत’ सत्र में ‘टाबरा सारूं लेखन’ विषय पर आशा पांडे ओझा, विमला महरिया, कीर्ति शर्मा, पवन पहाड़िया विचार साझा करेंगे, सरोज बीठू इसका सत्र का समन्वय करेंगी। दोपहर 3 से 4:30 बजे तक ‘चतर सिंह बावजी’ सत्र में ईश्वर दत्त माथुर के समन्वय में होने वाली लोक वार्ता में गोपाल आचार्य, सतीश आचार्य, जितेंद्र जालोरी, श्रीकृष्ण जुगनू हिस्सा लेंगे।
कवि सम्मेलन में गूंजेंगी प्रसिद्ध रचनाएं
22 मार्च को सायं 6:30 बजे से रात्रि 9 बजे तक कृष्णायन में होने वाले कवि सम्मेलन में गिरधर दान रतनू, उपेंद्र अणु, देवी लाल महिया, मुरलीधर गौड़, सत्यदेव संवितेन्द्र, जितेंद्र निर्मोही, प्रहलाद सिंह झोरड़ा, राजू राम बिजारणिया अपनी कविताओं से समां बांधेंगे। छैलू चारण छैल कवि सम्मेलन का समन्वय करेंगे।
23 मार्च को प्रात: 9 बजे तुषार शर्मा गायन प्रस्तुति देंगे। प्रात: 10 से 11:30 बजे ‘नृसिंह राजपुरोहित’ सत्र में ‘राजस्थानी भासा रो कथा संसार’ विषय पर मनोहर सिंह राठौड़, दिनेश पांचाल, शिवराज भारतीय विचार रखेंगे, सत्र का समन्वय विजय जोशी करेंगे। प्रात: 11:45 से दोपहर 1 बजे तक ‘ओमपुरी कागद’ सत्र में ‘राजस्थानी री नूंवी कवितावां’ विषय पर मदन गोपाल लढ़ा, रवि पुरोहित, घनश्याम नाथ कच्छावा विचार रखेंगे, मोनिका गौड़ समन्वयक रहेंगी। ‘कन्हैया लाल सेठिया’ सत्र में राजस्थानी देस दिसावर विषय पर मृदुला कोठारी, सन्दीप भूतोड़िया, गौरीशंकर भावुक, दिनेश कुमार जांगिड़ वार्ता करेंगे, ललित शर्मा सत्र का समन्वय करेंगे। इन सभी सत्रों के बाद उत्सव का भव्य समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।
‘राजस्थानी भाषा और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा’
जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक श्रीमती अलका मीणा ने कहा कि विजयदान देथा साहित्य उत्सव के माध्यम से राजस्थानी भाषा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राजस्थानी संस्कृति से साक्षात्कार करवाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाएंगी। अधिक से अधिक संख्या में हिस्सा लेकर आयोजन को सफल बनाएं।