जयपुर। माघ कृष्णा तृतीया गुरुवार को महिलाएं अखंड सुहाग के लिए सौभाग्य सुंदरी व्रत रखेंगी। अच्छे वर की कामना के साथ कुंवारी लड़कियां भी व्रत रखेंगी। सुहागिन महिलाएं और युवतियां मंदिरों में मां पार्वती की पूजा-अर्चना करेंगी। सौभाग्य सुंदरी तीज को करवा चौथ जितना महत्वपूर्ण माना गया है। हालांकि यह व्रत विवाहित महिलाएं और अविवाहित युवतियां दोनों रखती है।
ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार, जब देवी सती ने अपने शरीर का त्याग किया था, तो उनके पिता के वचनों से चिढक़र उन्होंने यह वादा किया कि वह हर जन्म में शिव की पत्नी के रूप में हमेशा वापस आएंगी। इस प्रकार, जब उसने अपना अगला जन्म पार्वती के रूप में लिया, तो उसने उस विशेष जन्म में भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की। महिलाएं सुबह जल्दी उठकर नख से शिख तक सोलह श्रृंगार मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करती है।