जयपुर। गुलाबी नगरी में रविवार देर रात सवा ग्यारह बजे होली का दहन के दौरान सभी वर्ग और हर उम्र के लोग शामिल रहे। जगह-जगह चौराहे पर होली सजाई गई। वहीं चुंदडी की साडी पहन कर महिलाओं ने पूर्ण रीति रिवाज से होली का पूजन कर परिक्रमा लगाई गई और अपने परिवार सहित खुशहाली की मनोकामना मांगी।
होलिका दहन का मुख्य कार्यक्रम सिटी पैलेस में रहा
राजधानी जयपुर में होली का विशेष महत्व है। यहां होलिका दहन की परंपरा आज भी रियासत काल की तरह ही निभाई जाती है। जयपुर में होलिका दहन का मुख्य कार्यक्रम सिटी पैलेस में होता है। सबसे पहले जयपुर के पूर्व राजघराने में होलिका दहन किया जाता है उसके बाद पूरे शहर में होलिका दहन होता है। सिटी पैलेस में पूर्व राजपरिवार के द्वारा होलिका दहन किया जाता है फिर लोग होलिका से लौ को लेकर शहर में जगह-जगह होलिका दहन करते हैं। यहां होने वाला होलिका दहन पूरे पारंपरिक तरीके से जाता है। होली का दहन समारोह में पूर्व राजपरिवार के सभी सदस्य शामिल हुए। अबीर गुलाल से सजी होलिका के दहन के बाद लोगों ने फेरी लगा कर ईश्वर से मनोकामनाएं मांगी।
महन्त अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में हुआ होलिका दहन
ठिकाना मन्दिर श्री गोविन्द देव जी एवं आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट की ओर से महन्त अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में होलिका दहन हुआ। सरस निकुंज के बड़े भैया,हवा महल विधायक बालमुकन्दाचार्य महाराज ,घाट के बालाजी सुदर्शनाचार्य, पंचमुखी हनुमान मन्दिर के महन्त रामरज दास,बाल कथा वाचक प्रिया शरण,गीता गायत्री मन्दिर के राज कुमार चतुर्वेदी, धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय उपस्थित रहे। सन्त महन्त होली का पूजन,हवन कर दहन किया।मानस गोस्वामी ने सभी भक्तों को गोविन्द देव जी का आशीर्वाद दिया।